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GPS कैसे काम करता है?


GPS (Global Positioning System) एक ऐसी तकनीक है जो हमें पृथ्वी पर कहीं भी अपनी सटीक लोकेशन बताती है। यह कैसे काम करता है, आइए समझते हैं।

GPS सिस्टम में तीन मुख्य तत्व होते हैं:

* GPS उपग्रह: ये उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में घूमते रहते हैं। इन उपग्रहों से लगातार रेडियो सिग्नल पृथ्वी पर भेजे जाते हैं।

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* GPS रिसीवर: ये रिसीवर हमारे मोबाइल फोन, GPS नेविगेशन डिवाइस, या कार में लगे होते हैं। ये रिसीवर उपग्रहों से आने वाले सिग्नलों को ग्रहण करते हैं।

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* GPS कंट्रोल सेगमेंट: यह ग्राउंड स्टेशन नेटवर्क है जो उपग्रहों की स्थिति और समय को मॉनिटर करता है।

GPS कैसे काम करता है:

* सिग्नल रिसीविंग: आपका GPS रिसीवर कम से कम चार उपग्रहों से सिग्नल प्राप्त करता है।

* ट्राइऐंगुलेशन: प्रत्येक उपग्रह से सिग्नल आने में लगने वाले समय की गणना करके, रिसीवर आपकी दूरी का पता लगाता है।

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* लोकेशन कैलकुलेशन: चार या अधिक उपग्रहों से मिली दूरी का उपयोग करके, रिसीवर त्रिकोणमिति के सिद्धांतों का उपयोग करके आपकी सटीक लोकेशन की गणना करता है।

* मैपिंग: आपके डिवाइस में मैप डेटा होता है, और आपकी लोकेशन के आधार पर, यह आपको रास्ते, स्थानीय जानकारी, आदि दिखाता है।

GPS के उपयोग:

* नेविगेशन: कारों, ट्रकों, जहाजों, और हवाई जहाजों में नेविगेशन के लिए।

* मैपिंग: Google Maps, Apple Maps, आदि जैसी मैपिंग सेवाओं में।

* एक्शन कैमरा और ड्रोन: वीडियो और फोटो में लोकेशन टैग करने के लिए।

* फोन लोकेशन ट्रैकिंग: खोए हुए फोन को ढूंढने में मदद के लिए।

* अन्य उपयोग: मौसम पूर्वानुमान, भूकंप अध्ययन, आदि में भी GPS का उपयोग होता है।

GPS ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। अब हम आसानी से कहीं भी जा सकते हैं और खो नहीं जाते हैं।


 
 
 

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